तेरी मोहब्बत ही मेरी मंज़िल है।
चाहे अब ये जीवन अधूरा हो॥
मेरे दामन में दुनिया की सारी तकलीफ़ हो।
तेरी मोहब्बत ही मेरी मंज़िल बनेगी॥
काटो की चुंबन हो।
तब भी इसी राह पर चलना है मुझे॥
अब तेरी मोहब्बत में डूब जाना है।
तुझे याद कर के इस दिल को हर दिन रोना है॥
तेरे प्यार की चुंबन हर पल महसूस करनी है।
तेरी मोहब्बत ही मेरी मंज़िल है॥
अधूरी हो या पूरी।
तेरी मोहब्बत ही मेरी मंज़िल है॥
तेरे बिना अब कौन हमारा है।
तेरे मोहब्बत में ही अब घायल होना है॥
तेरी यादों को ही अपना मानना है।
तेरी मोहब्बत को ही अपनी मंज़िल जानना है॥
Rakhi
Saroj
11.05.2018
Comments
Post a Comment