मेरी पहली सांस से पहले भी मुझसे रिश्ता जोड़ने वाली।  
मेरे हर क़दम को अपनी जीत समझने वाली।  
बस तू ही थी।  
अपने आँचल में छुपा लेना आदत नहीं खुशी बन गई है।  
मेरे ओठों पर मुस्कान देना तेरी ज़िंदगी का मकसद था।
बस मैं ही तेरे लिए सब कुछ था।  
मेरा हा थाम  तू चलना चाहती थी।
मेरे हर ख़्वाब को पूरा होते हुए देखना चाहती थी।  
बस एक बार अपनी आखिरी सांस से पहले मेरा चेहरा 
अपनी याद में ताज़ा कर लेना चाहती थी।
Rakhi Saroj
13.05.2018

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